उत्तराखंड के यमुनोत्री धाम में नदी का जलस्तर बढ़ने से दहशत, जल धाराओं की तलहटी से मलबा हटाने की उठी मांग……

देहरादून: यमुना के उद्गम से बहने वाली गंगा, यमुना और सरस्वती नदी की जल धाराओं की तलहटी में भूस्खलन के साथ ही वर्षो से एकत्रित मलबा, बोल्डर व पत्थरों से यमुना नदी के प्रवाह रुकने की आंशका बनी रहती है।

भारी बारिश के चलते यमुनोत्री धाम में अचानक यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के बीच करीब सवा घंटे तक रौद्र रूप देख धाम में रह रहे लोगों में दहशत है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक यमुना नदी का रौद्र रूप और उसका बहाव यमुना मंदिर परिसर की ओर बढ़ते हुए देख लोगों में दहशत होना स्वाभाविक था, लेकिन सवा घंटे बाद यमुना नदी धीरे-धीरे सामान्य रूप लेती देख लोगों ने राहत की सांस ली।

दरअसल, यमुना के उद्गम से बहने वाली गंगा, यमुना और सरस्वती नदी की जल धाराओं की तलहटी में भूस्खलन के साथ ही वर्षो से एकत्रित मलबा, बोल्डर व पत्थरों से यमुना नदी के प्रवाह रुकने की आंशका बनी रहती है। पूर्व में भी यमुना नदी का अचानक जल स्तर बढ़ने के साथ इस तरह का रौद्र रूप कही बार देखा गया।

गनीमत रहा है कि कोई नुकसान नहीं हुआ। पुरोहित समाज एवं स्थानीय लोगों के द्वारा लंबे समय से धाम एवं यमुना नदी के तट पर बसे हुए लोगों की सुरक्षा के लिहाज से मलबा, बोल्डर और पत्थरों को हटाएं जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन इस गंभीर समस्या पर उदासीनता बरत रहा है। जिससे लोगों ने आंशका जताई कि कहीं शासन प्रशासन की लापरवाही भारी न पड़ जाए।

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