उत्तराखंड में बारिश से बालगंगा का जलस्तर बढ़ा….प्रदेश में 115 सड़कें बंद, गोमुख तपोवन ट्रैक की यात्रा पर रोक……
देहरादून: अगले चार दिन प्रदेश भर में कई दौर की तेज बारिश होने की संभावना है। वहीं, कुमाऊं क्षेत्र के जिलों में भारी से भारी बारिश होने के आसार हैं।
मानसून के साथ ही पहाड़ में मुसीबतों की दस्तक हो गई है। मलबा आने के कारण बदरीनाथ-गंगोत्री हाईवे समेत प्रदेशभर में 115 सड़कें बाधित हुईं। बदरीनाथ हाईवे 10 घंटे बंद रहा। लगातार पांच दिन से हो रही बारिश से गोमुख-तपोवन ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है। इसलिए अनिश्चितकाल के लिए गोमुख जाने पर रोक लगा दी गई है।
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर सुरंग के बाहर भारी भूस्खलन होने से सुरंग क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें आवाजाही रोक दी गई है। वहीं, टिहरी घनसाली-भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र के ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रो मे हो रही तेज बारिश से बालगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया। हालांकि अभी नदी खतरे के निशान से नीचे है लेकिन लोगों को अलर्ट किया गया है।
मौसम विभाग ने भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक कुमाऊं मंडल में भारी से भारी बारिश की संभावना है। पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर समेत चमोली और पौड़ी जिले के कुछ इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी और हरिद्वार में कहीं-कहीं भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। मौसम वैज्ञानिकों ने हिदायत देते हुए कहा, तेज बारिश के दौरान खुले स्थान पर रहने से बचें। जबकि संवेदनशील व भूस्खलन वाले स्थान और नदियों के किनारे सतर्कता बरतें।
गंगोत्री गोमुख तपोवन ट्रैक की यात्रा पर रोक
गंगोत्री गोमुख तपोवन ट्रैक की यात्रा पर गंगोत्री नेशनल पार्क ने अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। चीड़बासा में मार्ग अवरुद्ध होने के कारण किसी भी यात्री और ट्रेकर को कनखू बैरियर से आगे जाने की अनुमति नहीं होगी।
मौसम विभाग के अलर्ट के बाद और बीते बृहस्पतिवार को चीड़बासा नाले के उफान के पर आने से गोमुख ट्रैक पर आवाजाही सुरक्षित नहीं है। इसलिए गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने अग्रिम आदेशों तक गंगोत्री से गोमुख तपोवन ट्रैक की यात्रा पर रोक लगा दी है। वहीं, इस यात्रा पर रोक लगने के कारण इस बार कांवड़ियों को गंगोत्री से ही जल भरकर लौटना पड़ेगा।
सावन माह शुरू होने से पहले ही गोमुख से जल भरने के लिए देशभर से कांवड़ियें उत्तरकाशी में पहुंच जाते हैं, जिससे कि वह समय पर अपने शिवालयों तक पहुंच सकें। इस बार भी जनपद में गंगोत्री धाम और गोमुख के लिए कांवड़ियों के जत्थों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।
शुक्रवार को राजस्थान भरतपुर से पहुंचे कांवड़ियों ने कहा कि उन्हें गोमुख से गंगा जल भरना है। लेकिन अब गोमुख यात्रा पर रोक लगने के कारण उन्हें गंगोत्री से ही जल भरकर लौटना पड़ेगा। इधर, गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक आरएन पांडेय ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिगत अग्रिम आदेशों तक गंगोत्री से गोमुख तपोवन ट्रैक की यात्रा पर रोक लगा दी गई है।