उत्तराखंड में गंगा पर 3.5 KM लंबा पुल, 15 किलोमीटर का रिंग रोड, भोले की नगरी को जाम से बचाने को हो रहा तगड़ा इंतजाम…..
हरिद्वार: रिंग रोड बनने के बाद स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को भी काफी राहत मिलेगी. यह शहर को जाम से मुक्तिभोले की नगरी हरिद्वार की सबसे बड़ी समस्या जाम है. गंगा स्नान और त्योहारेां पर स्थिति काफी खराब हो जाती है. अब धर्मनगरी को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए रिंग रोड (Haridwar Ring Road) का निर्माण किया जा रहा है. रिंग रोड की कुल लंबाई 48 किलोमीटर है.
पहले चरण में रिंग रोड बहादराबाद बाईपास से शुरू होगा और श्यामपुर थाना क्षेत्र के अंजनी चौकी एनएच 74 पर जाकर समाप्त होगा. पहले चरण में 15 किलोमीटर के रिंग रोड का निर्माण कार्य पिछले लगभग डेढ़ साल से चल रहा है. 4 लेन के इस रिंग रोड के बीच में गंगा नदी भी आ रही है. इसलिए गंगा पर 3.5 किलोमीटर लंबा पुल भी बनाया जा रहा है.
सरकार का कहना है कि रिंग रोड का पहला चरण इस साल अक्टूबर तक पूरा हो जाएगारिंग रोड बनने के बाद स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को भी काफी राहत मिलेगी. हरिद्वार होकर ऋषिकेश, देहरादून, मंसूरी या फिर ऋषिकेश से दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहन शहर के अंदर से गुजरते हैं।
इसी तरह इसी तरह रुड़की से बिजनौर की आवाजाही के लिए वाया हरिद्वार होकर आना-जाना पड़ता है. इससे हरिद्वार में वाहनों का दबाव बढ़ता है. पर्व स्नानों पर चंडी पुल पर हर समय जाम लगता रहता है. रिंग रोड बन जाने से वाहनों को शहर में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वे रिंग रोड से सीधे शहर के बाहर से ही अपने गंतव्य की और निकल जाएंगे. रिंग रोड बनाने के लिए 9 गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई है.डेढ़ साल से चल रहा है निर्माण।
हरिद्वार रिंग रोड का निर्माण कार्य करीब डेढ साल से चल रहा है. इसका निर्माण इरकॉन इटरनेशनल लिमिटेड कर रहा है. रिंग रोड का निर्माण हरिद्वार नजीबाबाद एचएच की तरफ से शुरू हुआ है. यहां इस समय आईई पैनल लगाने और मिट्टी डालने और जगह समतल करने जैसे अर्थ वर्क चल रहे हैं. इससे आगे चलने पर गंगा नदी आ जाती हैगंगा पर 3.5 किलोमीटर लंबा पुल बनाया जा रहा है. एनएच 34 की तरफ पिअर्स की फाउंडेशन का काम चल रहा है.
वहीं, दूसरे किनारे पर पिअर्स बन कर तैयार हैं और इन पर कैप भी लगा दी गई है. यहां कुछ जगह गर्डर भी लॉन्च कर दिए गए हैं. 3 पिअर्स पर तो डैक स्लैब का भी काम हो चुका है.नदी से आगे पिअर बनाए जा रहे हैं. पहले लोकल रोड के दोनों तरफ डैक्स स्लैब का काम हो चुका है. हालांकि इस पर अभी गर्डर नहीं रखे गए हैं. इससे काफी आगे दूसरे लोकल रोड पर डैक स्लैब बनाने का काम चल रहा है. इससे आगे गुजर रही रेलवे लाइन के दाईं ओर के डैक स्लैब का काम बाकी है.क्या समय पर पूरा हो जाएगा पहला चरण?
हरिद्वार रिंग रोड के पहले चरण का काम दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. पिछले दिनों उत्तराखंड आए केंद्रीय सड़क परिहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी दावा किया था कि यह रिंग रोड अक्टूबर 2024 तक पूरा हो जाएगा. लेकिन ऐसा लग नहीं रहा कि यह तय समयसीमा में बन जाएगा. अभी इसका बहुत सा काम बाकी है. सबसे बड़ी दिक्कत कुछ समय बाद गंगा नदी पर पुल बनाने में आएगी. बारिश शुरू होते ही गंगा में जलस्तर बढ जाएगा तो इससे यहां किसी भी तरह का निर्माण करना मुश्किल हो जाएगा।