उत्तराखंड में सालो से सुगम में जमे शिक्षकों को अब जाना होगा दुर्गम, हुई पूरी तैयारी…..
देहरादून: वर्षो से सुगम में जमे शिक्षकों का दुर्गम क्षेत्र में स्थानांतरण का शिक्षा विभाग ने मसौदा तैयार कर लिया है। अब प्रदेशभर के पर्वतीय जनपदों में स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) और साथ लगते राजकीय इंटर कालेज को सुगम मान लिया गया है। ऐसे में उत्तरकाशी व चमोली जैसे पर्वतीय जनपद के डायट में कार्यरत शिक्षकों की सेवा भी सुगम मानी जाएगी और उन्हें एक निर्धारित समयावधि के बाद दुर्गम में स्थानांतरण पर जाना होगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में बनी पांच सदस्य कमेटी ने 19 मई 2023 को वार्षिक स्थानांतरण के अंतर्गत जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के कोटिकरण निर्धारण के संबंध में लिए गए निर्णय को रद कर दिया है। जिसके बाद प्रदेशभर के सभी डायट सुगम श्रेणी में आए गए हैं। यहीं नहीं डायट के सबसे निकटतम राजकीय इंटर कालेज को भी सुगम माना गया है।
विभाग को सुगम और दुर्गम श्रेणी में यह बदलाव ऐसे शिक्षकों को देखकर करना पड़ रहा है जो पर्वतीय क्षेत्र में डायट सड़क मार्ग पर होने के बावजूद दुर्गम का लाभ ले रहे थे। अधिकांश डायट मुख्य मार्ग व प्रमुख हिल स्टेशनों पर स्थापित हैं। जबकि थराली, नारायणबगढ़, हर्षिल, गुप्तकाशी, मुनस्यारी में विद्यालय दूरदराज के क्षेत्रों में हैं। लेकिन, डायट व दूरदराज के विद्यालय समान रूप से दुर्गम श्रेणी में मान लिए गए थे।
अब आगे इसी आधार पर स्थानांतरण तय किए जाएंगे। डायट के निकटतम राजकीय इंटर कालेज एससीईआरटी और सीमैट को सुगम श्रेणी में रखा गया है। इसे ध्यान में रखते हुए सुगम एवं दुर्गम में प्रवक्ताओं और सहायक अध्यापकों का स्थानांतरण तय होगा।