उत्तराखंड की इस महत्वपूर्ण परियोजना मे जल्द शुरू होगा ये काम, इसी माह टेंडर भी होंगे जारी……
देहरादून: कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर जल्द शुरू होगा ट्रैक का निर्माण, इसी माह आवंटित होंगे टेंडर; 71 प्रतिशत सुरंगों की हो चुकी खोदाई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वप्निल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना कुल 16216 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर अब तक 10748.29 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च हो चुका है। पूरी परियोजना में सुरंगों की खोदाई की बात करें तो अब तक परियोजना पर करीब 71 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर वर्तमान में सुरंगों की खोदाई का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। अभी तक कुल 150.80 किमी सुरंगों की खोदाई का काम पूरा हो चुका है। मगर, अब यह रेल परियोजना एक और कदम आगे बढ़ने को तैयार है।ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल परियोजना पर रेल ट्रैक बिछाने का काम भी शुरू होने जा रहा है। इसके लिए इसी माह टेंडर आवंटित किए जाएंगे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वप्निल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना कुल 16216 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर अब तक 10748.29 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च हो चुका है। पूरी परियोजना में सुरंगों की खोदाई की बात करें तो अब तक परियोजना पर करीब 71 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी लंबी इस परियोजना में 104 किमी रेल लाइन 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी। इन 17 सुरंगों के अलावा परियोजना पर 12 निकास सुरंगों के अलावा एडिट और क्रास पैसेज भी हैं, जिन्हें मिलाकर सुरंगों की कुल लंबाई 213 किमी है। अभी तक सुरंगों की खोदाई की बात करें तो सभी तरह की 213.277 किमी सुरंगों में 150.809 किमी की खोदाई का काम पूरा हो चुका है।
कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम की मानें तो सुरंगों की खोदाई का काम जैसे-जैसे पूरा होता जा रहा है, वैसे-वैसे सुरंगों में फाइनल लाइनिंग (सुरंगों को सपाट करने और पानी के रिसाव को रोकने) का काम भी आगे बढ़ाया जा रहा है।
इसके साथ ही अब रेल विकास निगम ने परियोजना को मूर्त रूप देने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाने जा रहा है। रेल विकास निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने बताया कि कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर रेलवे ट्रैक के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई है।
24 फरवरी को निविदाएं आवंटित की जाएगी। जिसके एक माह बाद परियोजना पर रेल टैक का निर्माण भी शुरू हो जाएगा।ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का रेल ट्रैक आम रेल ट्रैक की भांति ब्लैस्टेड (पत्थर की गिट्टी) तकनीकी का नहीं बल्कि ब्लैस्टलेस (गिट्टी रहित) ट्रैक होगा। इस तरह के ट्रैक मैट्रो रेल के लिए बनाए जाते हैं या रेलवे स्टेशनों पर इस तरह के ब्लैस्टलेस ट्रैक बनाए जाते हैं।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना में करीब 104 किमी रेल लाइन सुरंगों के भीतर से गुजरेगी, इसलिए सुरंगों के भीतर रेल ट्रैक पर ब्लैस्टलेस ट्रैक का ही निर्माण किया जाएगा। जबकि जिन स्थानों पर रेल लाइन सुरंगों से बाहर खुले में होगी, वहां रेल ट्रैक परंपरागत ब्लैस्टेड तकनीक का होगा। ब्लैस्टलेस ट्रैक की 133 किमी और ब्लैस्टेड ट्रैक 42 किमी के रेल ट्रैक होंगे।मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने बताया कि ब्लैस्टलेस ट्रैक अधिक मजबूत और सुरक्षित होते हैं। इनमें अनुरक्षण की भी अधिक जरूरत नहीं पड़ती।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर सुरंगों की प्रगति
सुरंग – कुल लंबाई – अब तक हुई खोदाई
मुख्य सुरंग – 103.805 किमी – 71.289 किमी
निकास सुरंग – 97.600 किमी – 70.436 किमी
क्रास पैसेज – 7.050 किमी – 4.262 किमी
एडिट सुरंग – 4.822 किमी – 4.822 किमी
कुल लंबाई – 213.277 किमी – 150.809 किमी