उत्तराखंड में अब वर्चुअली भी हो सकेगी जमीनों की रजिस्ट्री, फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम……
देहरादून: वर्तमान में राज्य में लेखपत्रों के निबंधन में पक्षकारों को अभी कार्यालय में उपस्थित हो कर बयान दर्ज कराने के पश्चात निबंधन कराना पड़ता है। Virtual Registration की प्रक्रिया के अस्तित्व में आने के पश्चात पक्षकार अपने ही स्थान से लेखपत्र को तैयार कर आनलाइन लिंक के माध्यम से प्रस्तुत कर सकेंगें साथ ही उम्रदराज, बीमार एवं असहाय लोगों को कार्यालय में उपस्थित हो कर लेखपत्रों का निबंधन कराने से मुक्ति प्राप्त होगी। पक्षकारों के दूरस्थ स्थानों पर होने के फलस्वरूप विलेखों का पंजीकरण सम्भव नही हो पाता है, अतः ऐसे विलेखों का पंजीकरण आसान होगा। उक्त के अतिरिक्त Virtual Registration की प्रक्रिया को लागू होने से औद्योगिक निवेश को बल मिलेगा।
उप निबंधक कार्यालय Video KYC के माध्यम से पक्षकारों का सत्यापन एवं विलेख में वर्णित तथ्यों का परीक्षण कर विलेखों के पंजीकरण की कार्यवाही को E-Sign के माध्यम से पूर्ण करेंगें। पक्षकार विलेख की Digitally Singed Copy को आनलाइन अपलोड करना भी सम्भव होगा। Virtual Registration की प्रक्रिया को आधार प्रमाणीकरण से भी अंर्तसम्बन्धित (लिंक) किया जायेगा जिससे कि जनसुविधा के साथ साथ फर्जीवाड़े पर भी रोक लग सके।
उक्त क्रम में भारत सरकार द्वारा निम्न कार्यों हेतु आधार प्रमाणिकरण का ऐच्छिक रूप से प्रयोग किये जाने हेतु अनुमति प्रदान की गयी है-
विलेखों का पंजीकरण।
विवाह पंजीकरण।
विवाह प्रमाण एवं लेखपत्रों की प्रमाणित प्रति निर्गत करना।
भार मुक्त प्रमाण (Non Encumbrance Certificate)
पंजीकृत लेखपत्रों के ई-सर्च।
उपरोक्त कार्यों के सफल कियान्वयन हेतु स्टाम्प एवं निबन्धन विभाग को Sub-KUA (e-KYC User Agency) के रूप में अधिकृत किये जाने हेतु भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण एवं NIC/C-DAC के साथ एम.ओ.यू. की प्रक्रिया जल्द सम्पन्न की जायेगी। आधार प्रमाणीकरण हेतु शासन से अनुमति के उपरान्त अधिसूचना निर्गत की जा चुकी है।