उत्तराखंड में तो क्या प्रियंका गाँधी लड़ सकती हैं हरिद्वार से चुनाव ? अगर ऐसा हुआ तो कई नेताओं के बिगड़ेंगे समीकरण….
देहरादून: लोकसभा चुनाव धीरे-धीरे पास आ रहे हैं ऐसे में राजनीतिक दल अपनी तैयारी करने में जुटे हैं भाजपा जहां अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिशें में जुटी हुई है वहीं कांग्रेस भी जिला सम्मेलनों में अपने संगठन को मजबूत कर रही है
वहीं कांग्रेस की अगर बात करें.कांग्रेस में लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम नेता अपनी तैयारी में जुटे हुए हैं वही किसको टिकट मिलेगा किसको नहीं इसको लेकर भी लगातार हो रही हैं हरिद्वार सीट इन दिनों हॉट सीट बनी हुई है हरीश रावत के साथ-साथ, हरक सिंह रावत इस बार अपनी दावेदारी कर चुके हैं वह स्थानीय स्तर की नेता भी लगातार दावेदारी कर रहे हैं।
लेकिन इन सबके बीच एक ऐसी खबर आ रही है जो कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं के होश उड़ा सकते हैं सूत्रों की माने तो अगर सब कुछ ठीक रहा तो तो हो सकता है हरिद्वार से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ सकती है जी हां कांग्रेस पार्टी सूत्रों का तो यही कहना है आपको बता दें पिछले दिनों प्रमोद कृष्णन कई बार हरिद्वार के दौरे पर रहें।
सूत्र बताते हैं की प्रमोद कृष्णन जो प्रियंका गांधी की काफी करीबी बताए जाते हैं उनके द्वारा हरिद्वार से प्रियंका गांधी को लड़ाई जाने की संभावना को लेकर स्थानीय नेताओं से भी चर्चा की गई है हालांकि इसे बेहद गुप्त रखा गया एक तरीके का सर्वे उनके द्वारा हरिद्वार लोकसभा को लेकर किया गया माना जा रहा है कि कांग्रेस को यहां जीत की संभावना ज्यादा लग रही हैं अगर पार्टी ने कोई सही और मजबूत कैंडिडेट उतरा तो।
हरिद्वार में पिछले दो बार से रमेश पोखरियाल निशंक सांसद बनते आए हैं वो भी बेहद आसानी से वही 2009 से यहाँ से हरीश रावत भी सांसद रहें हैं वही 2022 मे उत्तराखंड मे विधानसभा चुनाव हुए तो बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकशान हरिद्वार से ही हुआ और कांग्रेस और अन्य पार्टियों के विधायक यहाँ से जीत कर विधानसभा पहुंचे साफ हैं यहाँ के मतदाता को बीजेपी उतना नहीं रिझा पाई जितना प्रदेश के और जिले मे बीजेपी के दबदबा दिखाई दिया।
वही प्रियंका गाँधी के लिए हरिद्वार लोकसभा को इसलिए भी कांग्रेस मे अमाहौल बनाया जा रहा हैं कि यूपी से ज्यादा जीतने कि संभावना उत्तराखंड मे ज्यादा हैं और उत्तराखंड के साथ साथ यूपी चुनाव पर भी नजर प्रियंका रख सकती हैं अब देखना हैं की प्रियंका को हरिद्वार से चुनाव लड़ाने की कोशिश और संभावना कितनी पूरी होती हैं लेकिन उनके नाम भर लेने से यहाँ पार्टी के कई नेताओं के दिल की धड़कन बढ़ ही जाएगी।