उत्तराखंड में भ्रष्टाचार की शिकायत पर सीएम धामी सख्त, कर डाली ये भर्ती प्रक्रिया स्थगित…..
देहरादून: आयुर्वेदिक एवं होम्योपेथिक चिकित्सा की भर्ती प्रक्रिया का संज्ञान लिये जाने के सम्बन्ध में।abvp के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की जिसके बाद सीएम ने इन भर्तियों क़ो स्थगित करने का निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की चयन प्रक्रिया स्थगित। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने आज मुख्यमंत्री से भेंट कर की थी शिकायत।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के द्वारा किए गए चयन एवं की जा रही चयन प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। इस प्रकरण में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने आज मुख्यमंत्री से भेंट कर उनको शिकायत की थी जिसके फलस्वरूप मुख्यमंत्री ने तत्काल इस परीक्षा को स्थगित करने के निर्देश दिए। साथ ही सम्पूर्ण प्रक्रिया की गहनता से जांच कराने के भी निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड में भर्तियों में धांधलियों को लेकर मुख्यमंत्री लगातार सख्त रुख अपना रहे हैं। राज्य में इसी कड़ी में कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। पिछले दिनों जिन भी भर्तियों में धांधली की शिकायत मुख्यमंत्री को मिली उन पर तत्काल कार्रवाई की गई। गलत गतिविधियों में संलिप्त तमाम लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने आज मुख्यमंत्री से भेंट कर उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से की जा रही आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सा की भर्ती में धांधली का संदेह जताते हुए चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की प्रक्रिया की गहनता से जांच करने की मांग मुख्यमंत्री से की।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के द्वारा किये गये चयन एवं की जा रही चयन प्रक्रिया को तत्काल स्थगित करते हुए सम्पूर्ण प्रक्रिया की गहनता से जांच के निर्देश दिए हैं। प्रतिनिधिमण्डल में प्रान्त कोषाध्यक्ष रमाकान्त श्रीवास्तव प्रान्त सह संगठन मंत्री अंकित सुन्दरियाल , प्रदेश सहमंत्री ऋषभ रावत, विभाग प्रमुख कौशल कुमार , विभाग संगठन मंत्री नागेन्द्र शामिल थे। अभाविप ने त्वरित कार्रवाई पर मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया है।
उत्तराखण्ड राज्य में आप द्वारा पदभार ग्रहण किये जाने के उपरान्त से ही राज्य सरकार द्वारा युवाओं के कल्याण के लिए निरन्तर कार्य किये जा रहे है। साथ ही विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से कराये जाने के उद्देश्य से कठोर नकल कानून भी बनाये गये है और नकल माफियाओं के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये दर्जनों नकल माफियाओं को जेल भी भेजा गया है।
विगत कुछ दिनों से मीडिया में उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से की जा रही आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सा की भर्ती के सम्बन्ध में प्रश्न उठाये जा रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मानना है कि राज्य सरकार द्वारा जिस प्रकार से प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष एवं पारदर्शी कराने का संकल्प लिया गया है।
ऐसी परिस्थिति में चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की प्रक्रिया के सम्बन्ध में उठाये गये प्रश्नों का गहनता से जाँच कर समाधान किया जाना आवश्यक है ताकि प्रतिभाशाली युवाओं के अन्दर राज्य सरकार के प्रयासों के प्रति जगे विश्वास को कायम रखा जा सके।
इसलिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आपसे यह अनुरोध करती है कि उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के द्वारा किये गये चयन एवं की जा रही चयन प्रक्रिया को तत्काल स्थगित करते हुए सम्पूर्ण प्रक्रिया की गहनता से जाँच कराई जाय। तत्पश्चात् ही पुनः चयन प्रक्रिया प्रारम्भ हो।
प्रतिनिधि मण्डल में प्रान्त कोषाध्यक्ष रमाकान्त श्रीवास्तव, प्रान्त सह संगठन मंत्री अंकित सुन्दरियाल, प्रदेश सहमंत्री ॠषभ रावत, विभाग प्रमुख कौशल कुमार विभाग संगठन मंत्री नागेन्द्र जी उपस्थित रहे।