उत्तराखंड में पुरोला तहसील से हटाई धारा 144, आज से खुल गई है दुकानें…..
देहरादून: पुरोला तहसील से हटाई धारा 144, आज से खुल जाएंगी समुदाय विशेष की दुकानेंपुरोला में उपजे विवाद के बाद नगर सहित जनपद में अन्य बाजारों में प्रदर्शन देखने को मिला था। विभिन्न संगठनों ने 15 जून को पुरोला में महापंचायत का एलान कर दिया था।
शुक्रवार को पुरोला सहित यमुना घाटी के सभी बाजार खुलने के बाद शांति का माहौल रहा। क्षेत्र में शांति को देखते हुए जिला प्रशासन ने पुरोला तहसील में लगाई गई धारा 144 को हटा दिया है। वहीं प्रशासन ने आगे भी इसी प्रकार का सौहार्द पूर्ण वातावरण बनाए रखने की अपील की है।पुरोला में उपजे विवाद के बाद नगर सहित जनपद में अन्य बाजारों में प्रदर्शन देखने को मिला था।
विभिन्न संगठनों ने 15 जून को पुरोला में महापंचायत का एलान कर दिया था। डीएम, एसपी सहित पूरे प्रशासनिक अमले ने पुरोला में अलग-अलग दिनों में सभी समुदाय के लोगों के साथ शांति बैठक की। हिंदूवादी संगठन महापंचायत करवाने को लेकर अड़े रहे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने 14 जून से 19 जून तक पुरोला तहसील में धारा 144 लगा दी थीइसके बाद विभिन्न संगठनों ने महापंचायत स्थगित कर दी। 15 जून को धारा 144 के विरोध में पुरोला सहित बड़कोट और नौगांव के बाजार बंद रहे। इस दौरान नौगांव में विभिन्न संगठनों का प्रदर्शन भी देखने को मिला।
शुक्रवार को तीनों बाजार शांतिपूर्ण तरीके से खुले। एसडीएम पुरोला देवानंद शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल को देखते हुए शाम चार बजे धारा 144 हटा दी गई है। आगे भी सभी लोगों से सौहार्द और शांति बनाने की अपील की गई है।
शनिवार को खुल जाएंगी समुदाय विशेष की दुकानें।
पुरोला में नाबालिग को भगाने की कोशिश मामले में उपजे विवाद के 22 दिन बाद पुरोला नगर में माहौल शांतिपूर्ण रहा। शनिवार से पुरोला में समुदाय विशेष की छह दुकानें खुल जाएंगी। समुदाय विशेष के व्यापारियों ने इस संबध में एसडीएम, पुलिस और व्यापार मंडल को ज्ञापन दिया है। वहीं व्यापार मंडल का कहना है कि दुकानें खुलने पर उन्हें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है।
26 मई को पुरोला में समुदाय विशेष के एक युवक और उसके दोस्त ने नाबालिग को भगाने का प्रयास किया था। इसके बाद मामले ने इतना तूल पकड़ा कि शहर से समुदाय विशेष के 12 व्यापारियों ने नगर छोड़ दिया था। 15 जून को महापंचायत के एलान के बीच पुरोला में रह रहे समुदाय विशेष के कुछ व्यापारी भी शहर से बाहर चले गए थे। वह शुक्रवार को लौट आए हैं। समुदाय विशेष के व्यापारी अशरफ सहित मो. रईस और मो. सलीम और सैफ अली ने बताया कि वह वर्षों से पुरोला में रहते हैं।
यहां पर व्यापारियों के साथ ही उनका सबके साथ भाईचारा है। अब शहर में शांति का माहौल है। इसलिए उन्होंने अपनी दुकानें खोलने के लिए प्रशासन सहित व्यापार मंडल को ज्ञापन दिया है। शनिवार से उम्मीद है कि उनकी दुकानें खुल जाएंगी। अशरफ और रईस बताते हैं कि उनकी दो पीढियां इस शहर में रह रही हैं। व्यापार मंडल पुरोला के अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने बताया कि उन्हें समुदाय विशेष के व्यापारियों के दुकानें खोलने से कोई आपत्ति नहीं हैं। व्यापार मंडल ने कभी भी किसी को दुकानें बंद करने के लिए नहीं कहा था।रवांई घाटी के लोगों ने दिया प्यार व सम्मान।
बड़कोट में करीब 36 वर्षों से होजरी का व्यापार कर रहे 67 वर्षीय इरफान अहमद ने बताया कि रवांई घाटी के लोगों ने उन्हें हमेशा प्यार और सम्मान दिया है। पुरोला घटना के बाद भी उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। बुुजुर्ग इरफान अहमद कहते हैं कि जो गलत करेगा। उसके साथ कानून को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। वहीं 35 वर्षों से सैलून की दुकान चला रहे 57 वर्षीय नजर मोहम्मद कहते हैं कि हमारा नगर में सबके साथ परिवार जैसे संबंध हैं। हमें क्षेत्र में लोग अपने समारोह में सम्मान के साथ बुलाते हैं।