उत्तराखंड में चल रही सियासी उठापटक, नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें फिर तेज, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत अचानक दिल्ली रवाना
उत्तराखंड में चल रही सियासी उठापटक के बीच आज सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अचानक दिल्ली के लिए रवाना हो गए जबकि आज उनका गैरसैंण जाने का कार्यक्रम प्रस्तावित था.
देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आज गैरसैंण का कार्यक्रम था, लेकिन वह अचानक दिल्ली के लिए रवाना हो गए. सीएम त्रिवेंद्र के इस तरह दिल्ली जाने के बाद एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर राजनीतिक बाजार गर्म हो गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जौलीग्रांट एयरपोर्ट से चार्टर प्लेन से दिल्ली रवाना हुए हैं. उनके साथ विधायक मुन्ना चौहान, मेयर सुनील उनियाल गामा व कई विभागीय अधिकारी भी मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि उत्तराखंड भेजे गए ऑब्जर्वरों ने शनिवार को हुई बैठक और अपने स्तर पर लिए गये रिव्यू के बाद बीजेपी आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिस पर निर्णय लिया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली में सबसे पहले बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को प्रदेश के सियासी घटनाक्रमों की जानकारी देंगे. आपको बता दें कि दो दिन पहले शनिवार को ही केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम का प्रदेश दौरा था. उन्होंने एकाएक बैठक बुलाई थी, जिसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, प्रभारी सभी लोग मौजूद थे. इस बैठक के कारण सीएम और अन्य लोगों को गैरसैंण सत्र बीच में ही छोड़कर आना पड़ा था.
केंद्रीय पर्यवेक्षकों के इस दौरे के बाद विधायकों की परेड से लेकर मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी को लेकर कई तरह की अटकलें सामने आई थी. यही नहीं, इस पूरे घटनाक्रम के बाद नेतृत्व परिवर्तन की भी जबरदस्त आशंका जताई जा रही थी. खबर है कि राज्यमंत्री धन सिंह रावत, मंत्री तपाल महाराज, सांसद अजय भट्ट और अनिल बलूनी दिल्ली में मौजूद हैं और मुख्यमंत्री पद के संभावित भी हैं.
इस बीच अब एक बार फिर मुख्यमंत्री के दिल्ली जाने के बाद सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के हालात पैदा हो चुके हैं. उधर, प्रदेश के कुछ विधायक पहले ही दिल्ली में मौजूद हैं और माना जा रहा है कि नाराज विधायक तमाम मामलों को लेकर नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं.