उत्तराखंड में अब मुख्यमंत्री धामी दिल्ली तलब, जोशीमठ आपदा को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा संभावित…
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार देर शाम अपने कुमाऊं दौरे के बाद सड़क मार्ग से दिल्ली रवाना हो गए थे । समझा जा रहा है कि वह दिल्ली में जोशीमठ भू धंसाव से पैदा स्थिति और सरकार द्वारा आपदा प्रभावितों को राहत देने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी केंद्रीय नेतृत्व को दे सकते हैं। मुख्यमंत्री को सोमवार को दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में सम्मिलित होना है।
मुख्यमंत्री धामी शनिवार शाम को चंपावत के दौरे पर पहुंचे थे। उन्हें रविवार दोपहर देहरादून लौटना था, लेकिन बताया गया कि मौसम के बिगड़े मिजाज के कारण वह चंपावत में ही रात्रि प्रवास करेंगे। इसके बाद देर शाम मुख्यमंत्री रुद्रपुर होते हुए सड़क मार्ग से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
यद्यपि मुख्यमंत्री का सोमवार को दिल्ली जाने का कार्यक्रम पहले से ही तय था। उन्हें अन्य पार्टी नेताओं के साथ दिल्ली में सोमवार को भाजपा कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लेना है। मुख्यमंत्री के इस तरह सड़क मार्ग से दिल्ली जाने को लेकर माना जा रहा है कि वह सोमवार सुबह केंद्रीय नेताओं से भेंट कर सकते हैं। विशेषकर जोशीमठ आपदा को लेकर मुख्यमंत्री नेतृत्व को नवीनतम जानकारी से अवगत करा सकते हैं। इसके अलावा, वह भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा सख्त प्रविधानों के साथ लाए जा रहे नकल रोधी अध्यादेश को लेकर भी केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा कर सकते हैं।
राष्ट्रीय कार्यसमिति के दौरान मुख्यमंत्री धामी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी भेंट कर सकते हैंउधर, सोमवार से दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार रविवार को दिल्ली पहुंच गए। जोशीमठ में डेरा डाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भट्ट रविवार को जोशीमठ से सीधे दिल्ली रवाना हुए।
प्रदेश भाजपा की कमान संभालने के बाद वह पहली बार पार्टी कीराष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में भाग लेंगे।भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य सतपाल महाराज, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा, त्रिवेंद्र सिंह रावत व तीरथ सिंह रावत भी कार्यसमिति की बैठक में भागलेंगे। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री औरप्रदेश अध्यक्ष इस दौरान पार्टी के केंद्रीय नेताओंके साथ विभिन्न निगमों, आयोगोंव प्राधिकरणों में दिए जाने वाले दायित्व के संबंध में भी विमर्श कर सकते हैं।