उत्तराखंड पर भारी हैं अगले तीन दिन, भारी वर्षा का है अलर्ट, सात अक्‍टूबर को आठ जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट…..

देहरादून: उत्तराखंड में अगले तीन दिन भारी वर्षा का है अलर्ट, पर्वतारोहण न करने की दी सलाहउत्तराखंड में मानसून के विदा होने का क्रम शुरू हो गया है, लेकिन पूरी तरह जाने से पहले मानसून तल्ख तेवर दिखा सकता है।

सात अक्‍टूबर को आठ जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी की एडवायजरीसात अक्‍टूबर को प्रदेश के आठ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक चमोली पिथौरागढ़ बागेश्‍वर पौढ़ी गढ़वाल अल्‍मोड़ा चंपावत नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।उत्‍तराखंड में आगामी सात अक्‍टूबर को भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। सात अक्‍टूबर को प्रदेश के आठ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसे लेकर मौसम विभाग ने एडवायजरी जारी की है।

ट्रेकिंग पर जाने वालों को सावधानी बरतने की सलाह
पहाड़ी इलाकों में सफर करने वालों और ट्रेकिंग पर जाने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। मौसम विभाग के मुताबिक चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्‍वर, पौढ़ी गढ़वाल, अल्‍मोड़ा, चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

सात अक्टूबर को बहुत भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने प्रदेश में छह से आठ अक्टूबर तक भारी से बहुत भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। सात अक्टूबर को बहुत भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट है। इस दौरान नदी-नालों के उफान पर आने और पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की चेतावनी दी गई है। साथ ही कुछ दिन पर्वतारोहण न करने की सलाह दी गई है।

पड़ सकती हैं मध्यम से तेज बौछार
प्रदेश में मौसम कुछ दिन साफ रहने के बाद फिर करवट बदलने लगा है। मैदान से लेकर पहाड़ तक धूप के साथ बादलों की आंख-मिचौनी शुरू हो गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, बुधवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। कहीं-कहीं गरज और तेज हवाओं के साथ मध्यम से तेज बौछार पड़ सकती हैं।

पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की चेतावनीइसके बाद छह से आठ अक्टूबर तक प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। खासकर कुमाऊं में अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है। इस दौरान नदी-नालों में बाढ़ के हालात, मैदानों में जलभराव होने की आशंका है। पर्वतीय क्षेत्रों में चट्टान खिसकने के साथ भूस्खलन हो सकता है। हिमाच्छादित क्षेत्रों में भी हिमस्खलन हो सकता है। ऐसे में पर्वतारोहण न करने की सलाह दी गई है। मानसून को उत्तराखंड से लौटने में एक सप्ताह का समय।

देश के कई राज्यों से मानसून विदा हो चुका है। उत्तराखंड में भी उत्तरकाशी से दक्षिण पश्चिम मानसून की विड्रावल लाइन आगे बढ़ गई है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद, आगरा समेत अन्य शहरों से भी मानसून की विदाई शुरू हो गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, उत्तराखंड से मानसून की पूर्ण विदाई में अभी एक सप्ताह का समय लग सकता है। 10 अक्टूबर तक मानसून के लौटने का अनुमान है।

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