उत्तराखंड में 05 जून को सरकार के विरोध मे गंगोत्री नेशनल हाईवे पर चक्काजाम, चारधाम यात्रा रूट के कारोबारियों का ऐलान….

देहरादून : चारधाम में ऑनलाइन पंजीकरण की बाध्यता समाप्त करने और जगह-जगह बैरियरों पर यात्रियों को रोके जाने के विरोध में यात्रा कारोबारी लामबंद होने लगे हैं। उत्तरकाशी में होटल कारोबारियों ने 5 जून को सरकार के विरोध में गंगोत्री हाईवे चक्काजाम करने का निर्णय लिया है।

इस संबंध में कार्रवाई की मांग को लेकर होटल व्यवसायियों ने एडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है। शुक्रवार को होटल एसोसिएशन उत्तरकाशी से जुड़े व्यवसायियों ने बैठक कर चारधाम यात्रा में सरकार के निर्णय से हो रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। कहा कि सरकार चारधाम यात्रा में ऑनलाइन पंजीकरण शीघ्र समाप्त करे और यात्रियों को बैरियर पर अनावश्यक न रोके।

एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने कहा कि चारों धाम में यात्रियों की सीमित संख्या के कारण होटल के कमरे इस पीक समय में खाली रह रहे है। चारों धामों में यात्रियों की एडवांस बुकिंग भी कैंसिल हो रही है। कोरोना काल के बाद यात्रा से बहुत उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने बीच यात्रा में ऑनलाइन पंजीकरण की बाध्यता लागू करके पर्यटन कारोबार को नुकसान पहुंचाया है।

इसको लेकर शासन स्तर पर जरूरी कार्रवाई न होने हुई तो 5 जून को उत्तरकाशी में गंगोत्री राजमार्ग चक्का जाम करेंगे। मौके पर रविन्द्र नेगी, जगेंद्र भंडारी, धनपाल पंवार, बिन्देश कुड़ियाल, सुभाष कुमांई, दीपेंद्र पंवार, प्रकाश भद्री, विकास कलूड़ा, अजय पुरी, अरविंद कुड़ियाल, रमेश पैन्यूली, आमोद पंवार, विशेष जगूड़ी, प्रमोद राणा, महावीर राणा, धीरज सेमवाल, राजेश जोशी थे।

बदरीनाथ के कारोबारी रखेंगे बाजार बंद
गोपेश्वर। पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यापारी पंजीकरण अनिवार्य की बाध्यता के खिलाफ 5 जून को बदरीनाथ बाजार बंद करेंगे। पिछले तीन चार दिनों से बदरीनाथ की यात्रा पर आने वाले यात्रियों की संख्या में कमी दिखाई देने लगी है। जहां शुरुआती दौर में बदरीनाथ की यात्रा में प्रति दिन 18 से 20 हजार यात्रियों के आने का रिकॉर्ड था। 23 हजार तक यात्री एक दिन में बदरीनाथ आये।

पिछले तीन चार दिनों से अचानक यात्रियों की संख्या में वह तेजी नहीं है। जो शुरुआती दौर में देखी जा रही थी। बुधवार को 11366 यात्री, गुरुवार को 11523 और शुक्रवार को 10,378 यात्री बदरीनाथ पहुंचे। जहां कुछ दिन पहले दो से ढाई किमी लंबी लाइन लगाकर यात्री दर्शन पथ पर दिखते थे।

अब पिछले तीन चार दिनों से वह संख्या और लाइन कही नहीं दिखाई दे रहा है। व्यवसायी इसका कारण यात्रियों के पंजीकरण की अनिवार्यता होना बता रहे हैं। बदरीनाथ के व्यापार संघ के अध्यक्ष विनोद नवानी, व्यापारी धीरेन्द्र भंडारी, गोविन्द सिंह ने कहा कि इससे कारोबार प्रभावित हो रहा है।

डीएम के आश्वासन के बाद केदारघाटी बंद स्थगित
रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण एवं यात्रियों की सीमित संख्या की अनिवार्यता खत्म करने की मांग को लेकर श्री केदारधाम होटल ओनर्स एसोसिएशन का आज शनिवार को प्रस्तावित बंद का ऐलान स्थगित हो गया है। एसोसिएशन के एक शिष्टमंडल की शुक्रवार को जिलाधिकारी से वार्ता हुई, जिसमें डीएम के आश्वासन के बाद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बंद का ऐलान टाल दिया है। बीते दिन एसडीएम ऊखीमठ के माध्यम से श्री केदारधाम होटल ओनर्स एसोसिएशन ने 4 जून को केदारघाटी बंद का ऐलान किया था।

ऋषिकेश में टोकन सिस्टम से पंजीकरण
ऋषिकेश। चारधाम यात्रियों की सुविधा के लिए शासन ने टोकन सिस्टम लागू कर दिया है। शुक्रवार को टोकन मिलने के बाद चारधाम जाने के लिए देर शाम तक 5100 यात्रियों ने पंजीकरण कराया। इसके बाद यात्री देवधाम के लिए बसों से रवाना हुए। स्लॉट पांच हजार होने के बाद प्रशासन को भी राहत मिली है।

चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण का स्लॉट तीन से पांच हजार बढ़ने के बाद चारधाम यात्रियों की परेशानी भी कम हुई है। शुक्रवार को टोकन साथ में लेकर पंजीकरण काउंटर के बाहर यात्री अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। ऑनलाइन पंजीकरण होने के बाद यात्रियों के चेहरे पर खुशी साफ झलकती नजर आई।

एसडीआरएफ कविंद्र सजवाण ने बताया कि शुक्रवार को 5100 यात्रियों को ऑनलाइन पंजीकरण किया गया। उधर, कोतवाली के एसएसआई डीपी काला ने बताया कि गुरुवार रात को ऋषिकेश में ठहरे दो हजार लोगों को टोकन दिया गया। उधर, रोडवेज की 17 बसें बदरीनाथ और केदानाथ के लिए रवाना हुईं।

रोडवेज के एजीएम पीके भारती ने बताया की नौ बसें सोनप्रयाग और आठ बसें बदरीनाथ के लिए सुबह रवाना हुईं। कोतवाल रवि सैनी ने बताया की एसबीएम इंटर कॉलेज में भी यात्रियों के लिए टोकन की व्यवस्था की गई। इसके अलावा यात्रियों के लिए ठहरने की प्रशासन की तरफ से इंतजाम किए गए हैं। शुक्रवार को एसपी देहात कमलेश उपाध्याय, सीओ डीसी ढौंडियाल और कोतवाल रवि सैनी ने व्यवस्थाएं देखीं।

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