श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए अब यहां से शुरू हुई बद्री-केदार के लिए हेली सेवा…..
देहरादून : बिना किसी पाबंदी के दो साल बाद शुरू हुई चारधाम यात्रा के लिए धर्मनगरी से भी यात्री अब बदरी और केदारनाथ धाम की हवाई यात्रा कर सकेंगे। निजी कंपनी की ओर से धर्मनगरी से यात्रियों के लिए हेली सेवा शुुरू कर दी गई है। पहले कंपनी की ओर से देहरादून के जौलीग्रांट से चारधाम यात्रा के लिए यात्रियों को हवाई सेवा का लाभ दिया जा रहा था। अब धर्मनगरी में हेली सेवा शुरू होने से यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।
देवभूमि उत्तराखंड में संक्रमण से राहत मिलने के बाद चारधाम यात्रा भी शुरू कर दी गई है। यात्रा के लिए टैक्सी और यात्री अपने निजी वाहनों से जा रहे हैं। यात्रियों को धर्मनगरी में फोटोमीट्रिक पंजीकरण की भी सुविधा दी गई है। ताकि उन्हें पंजीकरण कराने के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े। अब एक निजी कंपनी की ओर से दो धामों के लिए हरिद्वार पहुंचने वाले यात्रियों के लिए हेली सेवा शुरू की है।
हेलीकाप्टर सेवा से कंपनी की ओर से बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम तक यात्रियों को पहुंचाया जाएगा। शहर के निकटवर्ती गांव श्यामपुर से हेली सेवा रविवार को शुुरू कर दी गई है। यात्रियों के लिए 16 सीटर एमई-17 हेलीकाप्टर लगाया गया है। जो यात्रियों को लेकर बद्रीनाथ और केदारनाथ लेकर जाएगा। हेली सेवा शुरू होने से चारधाम यात्रियों के लिए यात्रा और भी आसान बन सकेगी। इससे खासकर बच्चों और बुजुर्गों को यात्रा करने में काफी राहत मिलेगी। रविवार से शुरू हुई हवाई सेवा के पहले दिन 14 यात्रियों को लेकर 16 सीटर हेलीकाप्टर रवाना हुआ।
कंपनी ने एक लाख 35 हजार रुपये प्रति यात्री पैकेज बनाया रखा है। इसमें दो रात हरिद्वार में फाइव स्टार होटल में और एक रात बद्रीनाथ में रुकने की व्यवस्था कंपनी करेगी। 16 सीटर एमई-17 हरिद्वार से गुप्तकाशी यात्रियों को लेकर जाएगा। इसके बाद यहां से शटल हेली सेवा के माध्यम से यात्री केदारनाथ जाएंगे। केदारनाथ से वापस आने के बाद यात्रियों को फिर 16 सीटर विमान ही बद्रीनाथ लेकर जाएगा।
पिलग्रिम एवीऐशन कंपनी यात्रियों को जौलीग्रांट से पिकअप व ड्राप करेगी। इसके साथ ही यात्रियों को खाना नाश्ता व होटल की सुविधा भी दी जा रही है।
एक लाख 15 हजार में यात्रियों को पूरा पैकेज खाना नाश्ता, होटल व हवाई सेवा का दिया जा रहा है। पहले दिन हरिद्वार से 14 यात्रियों को हवाई सेवा के माध्यम से गुप्तकाशी पहुंचा गया। यहां से शटल हवाई सेवा से यात्रियों को केदारनाथ पहुंचाया गया।