उत्तराखंड सरकार देखे आपके ऊर्जा विभाग मे हो रहे गजब के मामले एक तो ये हैं मामला….

देहरादून : उत्तराखंड प्रदेश का ऊर्जा विभाग लगातार अपने कारनामों को लेकर चर्चाओं में रहता है। हाल के दिनों में बढ़ती गर्मी के बीच बिजली की आंख मिचौली लगातार चर्चा में है। यूपीसीएल प्रबंधन का दावा है कि जल्द सारी कमी को दूर कर लिया जाएगा। यह तो रहा यूपीसीएल प्रबंधन का एक पक्ष।

लेकिन वहीं यूपीसीएल प्रबंधन के दूसरे पक्ष का खुलासा सूचना के अधिकार से हुआ है। जिसमें बंद लिफाफे की जांच को भी भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी अधिकारी प्रदीप कंसल को प्रमोशन देने के लिए दरकिनार कर दिया गया।

जिसके बाद से यूपीसीएल के भीतर और बाहर सियासी गलियारों में चर्चा आम हो चुकी है कि जिस अधिकारी प्रदीप कंसल को प्रमोशन देने के लिए यूपीसीएल प्रबंधन ने नियमों को ताक पर रख दिया है। उसके पीछे आखिर वजह किया है।

सूचना के अधिकार पर नजर डाले तो प्रदीप कंसल पर निगम के पैसे की बंदरबांट, फर्जीवाड़ा, परिजनों के नाम पर फर्जी तरीके से फर्म बनाकर सरकारी पैसे का गबन जैसे कई आरोप लगाए गए है। जिनकी जांच प्रबंधन स्तर से होने के बाद काफी हद तक आरोप सही पाए गए। वहीं बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि निगम में जांच जारी होने के बाद भी प्रदीप कंसल को विभाग ने पदौनत्ती पत्र कैसे जारी कर दिया है ? साफ है कि प्रदीप कंसल के पीछे निगम के ही कुछ वरिष्ठ अधिकारी है, जो नही चाहते की जांच पूरी होकर कंसल पर कोई कार्यवाही हो।

प्रदेश में ऊर्जा विभाग की कमान खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथ में है, जो लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने का काम कर रहे है। लेकिन ऊर्जा विभाग में एक के बाद एक कई मामले सरकार के सामने है, जो जांच पूरी होने के इंतजार में बरसों से लंबित पड़े है। जिसमे भ्रष्टाचार सबसे प्रमुख मुद्दा है, जिसकी जद में आए कई अधिकारी मजे से यूपीसीएल में बैठकर अपने कारनामे दिखाते हुए सरकार को मुंह चिढ़ाने का काम कर रहे है।

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