उत्तराखंड में सीएम कौन? 70 घंटे बाद उठेगा रहस्य से पर्दा, आखिर कहां उलझे हैं कौन से तार ?…..
देहरादून : अगर बीजेपी ने 2018 वाला ‘हिमाचल फॉर्मूला’ अपनाया तो फिर कोई नया विधायक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर आएगा. हालांकि उत्तराखंड में पुष्कर धामी के हारने के बाद पार्टी के अंदर उनके लिए सिंपैथी बढ़ी है. कई विधायकों ने सीट खाली करने की पेशकश की है ताकि धामी उपचुनाव लड़ सकें. पेंच यही है कि ऐसा तब होगा जब बीजेपी धामी को ही आगे बढ़ाने के विचार मुहर लगाएगी. बीजेपी में क्या मंथन चल रहा है, क्या उथल पुथल मची हुई है? जानिए सियासी गलियारों के ताज़ा अपडेट्स।
देहरादून. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आए 8 दिन गुज़र चुके हैं लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा? यह सस्पेंस बरकरार है. विधायक दल के नेता के चयन के लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है और दोनों ऑब्ज़र्वर शनिवार को देहरादून आ सकते हैं. इधर, राज्य की राजनीति में पिछले दो दिन काफी हलचल भरे रहे।
पहले एक-एक करके विधायकों ने दिल्ली का रुख किया और फिर मंगलवार को अचानक कार्यवाहक सीएम पुष्कर धामी भी दिल्ली की चले गए. दिल्ली में उनकी राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी समेत कई नेताओं से मुलाकात हुई. बात क्या हुई, इसको लेकर क़यास लग रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद सीएम धामी ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया।
कहां अटका है मामला? दरअसल बीजेपी नेतृत्व के सामने एक अजीब स्थिति पैदा हुई है।. उत्तराखंड में पार्टी ने मज़बूती के साथ वापसी की है, लेकिन पार्टी का चेहरा यानी मुख्यमंत्री धामी चुनाव हार गए हैं. बीजेपी के सामने अब दो विकल्प हैं, या तो धामी को ही एक और कार्यकाल की हरी झंडी दे दी जाए या कोई नया चेहरा मुख्यमंत्री के तौर पर लाया जाए।
तमाम नेता इसी गुणा भाग में लगे हैं कि बेहतर क्या होगा. 2018 में बीजेपी हिमाचल प्रदेश में भी ऐसी ही स्थिति से गुज़री थी, जब पार्टी का चेहरा प्रेम प्रकाश धूमल चुनाव हार गए थे और बीजेपी जीत गई थी. तब बीजेपी ने धूमल की जगह विधायकों में से ही जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना था।
महिला फैक्टर भी है महत्वपूर्ण पार्टी का एक वर्ग महिला चेहरे की भी पैरवी कर रहा है. इसके पीछे ठोस वजह यह है कि इस चुनाव में बीजेपी को जिताने में महिला वोटरों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है. खास बात यह भी है कि इस बार बीजेपी के टिकट पर सबसे ज्यादा 6 महिला विधायक जीती हैं, जिसमें पूर्व सीएम बीसी खंडूरी की बेटी रितु खंडूरी का भी नाम शामिल है. राजनीतिक परिवार से संबंध रखने की वजह से रितु खंडूरी का नाम संभावित विधायक दल की नेता के तौर पर प्रमुखता से लिया जा रहा है।