उत्तराखंड में जो बार बार हरक के घर जा रहे थे हरक को कांग्रेस में शामिल कराने अब क्यों चुप हैं, क्यों उत्तराखंड के इस बड़े नेता की करा रहे फजीहत, आज भी Joining टली…..

देहरादून : कांग्रेस में आज भी हरक सिंह रावत की एंट्री पर सस्पेंस बना हुआ है आज कांग्रेस में हरक सिंह रावत की नहीं हो पाएगी जॉइनिंग ऐसे में बड़ा सवाल यह है किड जो वह तमाम नेता हरक सिंह रावत को बार-बार बुलाने उनके दरवाजे पर जा रहे थे अब वह क्यों चुप हैं और जब वह हरक सिंह रावत को बुलाने जा रहे थे तब उन्हें किसने जिम्मेदारी दी थी।

प्रदेश की राजनीति के केंद्र में छाए पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी की पटकथा बहुत पहले लिखी जा चुकी थी, लेकिन अब इस मसले पर पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेताओं ने एक तरह से चुप्पी साध ली है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का यही कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। संभवत: उनकी (डॉ. हरक) केंद्रीय नेतृत्व से बात चल रही होगी, लेकिन यदि वह पार्टी में आते हैं तो उनका स्वागत है।

बीते माह डॉ. हरक सिंह रावत के देहरादून डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ करीब एक घंटे बंद कमरे में बातचीत हुई थी। इस मुलाकात के दौरान विधायक उमेश शर्मा काऊ भी मौजूद थे। इस मुलाकात को डॉ. हरक सिंह रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने अलग-अलग ढंग से परिभाषित किया, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह मुलाकात हरक को पुन: पार्टी में शामिल कराने की पटकथा का एक पार्ट था।केंद्रीय नेतृत्व के पाले में डाल रहे गेंद

इसके बाद हरक सिंह और हरीश रावत की एक होटल में मुलाकात की भी खबरें आई। हालांकि, दोनों तरफ से इस मुलाकात को नकार दिया गया। इसके बाद दिल्ली में हरक-हरीश के दिल मिलने की भी खबरें आईं, लेकिन फिर कहा गया कि खटाश अभी बाकी है।

अब जबकि हरक की कांग्रेस पार्टी में वापसी लगभग तय हो चुकी है। तब नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह हों या प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, दोनों ही मुद्दे को टालते हुए बात केंद्रीय नेतृत्व के पाले में डाल रहे हैं। कुछ इस तरह के बयान सामने आ रहे हैं, जैसे उन्हें कुछ पता नहीं।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की माने तो हरक सिंह रावत के पार्टी में शामिल होने का फैसला पार्टी हाईकमान को लेना है। मुझसे इस विषय में कोई बातचीत नहीं हुई है। हां मैं हरक सिंह के उस बयान का जरूर स्वागत करता हूं, जिसमें वह कह रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर वह निस्वार्थ भाव से पार्टी की सेवा करना चाहते हैं। यदि वह पार्टी में आते हैं तो उनका स्वागत है।

वही नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की माने तो हरक सिंह व्यक्तिगत रूप से मेरे साथी रहे हैं, सहयोगी रहे हैं। जब वह भाजपा में थे, तब भी मैं उनसे लगातार मिलता था। कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से उनकी बात चल रही होगी, अगर वह कांग्रेस में आते हैं तो उनका स्वागत है। पार्टी को निश्चित तौर पर उनका लाभ मिलेगा।

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