झबरेड़ा विधानसभा की कुर्सी :किसमें कितना है दम- कौन जीतेगा टिकट की लड़ाई-पैराशूट से भी बना हुआ है खतरा……

झबरेड़ा : विधानसभा झबरेड़ा एससी सीट 2022 चुनाव को लेकर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। सूत्रों की मानें तक टिकट की दावेदारी में प्रबल दावेदारों के पेनल में चार ही नामों पर चर्चा व मंथन किया जा रहा है। जिसमें वीरेंद्र जाती शेरपुर,अरविंद प्रधान, सपना बाल्मिकी व राजपाल बेलड़ा में से किसी एक के नाम पर मुहर लगनी है। वहीं पैराशूट प्रत्याशी उतारे जाने की चर्चाओं का बाजार भी गर्म है। 14 जनवरी को कांग्रेस की पहली लिस्ट में झबरेड़ा शामिल होगा या नही यह भी देखने वाली बात होगी। बहरहाल, अभी जनपद की सभी विधानसभा सीटों पर हरीश रावत व प्रीतम के बीच घमासान जारी है।

किसमें कितना है दम, टिकट के असली हकदार हैं हम अभी तो हर दावेदार यही कहता सुनाई देता है। 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर झबरेड़ा विधानसभा सीट पर यूं तो कांग्रेस में दावेदारों की एक लम्बी कतार है। लेकिन सिर्फ कांग्रेस हाईकमान द्वारा चार नामों पर चर्चा की जा रही है। ऐसा राजनीतिक लोगों का कहना है। दो बार कांग्रेस सिम्बल झबरेड़ा विधानसभा से चुनाव लड़े राजपाल बेलडा की बात की जाए तो इस बार उनके टिकट की दावेदारी असमंजस में अटकी हुई है। क्योंकि दो बार हाईकमान ने उन पर विश्वास जता कर उनको चुनाव लड़ाया और वह दोनों बार चुनाव हारे। इसके पीछे क्या की कमियां रहीं इस पर भी मंथन जारी है। इस बार शायद ही कांग्रेस हाईकमान उन पर विश्वास करे।

वहीं वीरेंद्र जाती भी टिकट की लड़ाई में मजबूती के साथ मैदान में हैं। लेकिन उनका फिल्ड वर्क देखा जाए तो पूर्व में उन्होंने एक बार कांग्रेस के सामने ही निर्दलीय चुनाव लड़ा था। और चुनाव हारे थे। राजनीतिक लोगों का मानना है कि वीरेंद्र जाती अपने गांवों के साथ आसपास के गांवों में एक चर्चित चेहरा हैं। और मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन के नेतृत्व में पिछले दस सालों से क्षेत्र में राजनीति कर रहे हैं। लेकिन गुर्जर व गाड़ों के गांवों में कहीं न कहीं उन्हें दरकिनार किया जाता है। जिससे उन्हें राजनीति में नुकसान होता आ रहा है।

अब कांग्रेस हाईकमान वीरेंद्र जाती को युवा चेहरा बनाएगी तो शायद वे चुनाव में चल पाएं ये तो जनता तय करेगी। वहीं अरविंद प्रधान जो कि पिछले 25 सालों से कांग्रेस को सींचने का कार्य कर रहे हैं। उनके पिता स्व. बलविंद्र सिंह पांच योजना ग्राम सुनहरा के प्रधान रहे और हमेशा ही कांग्रेस में ही काम किया। अरविंद प्रधान काफी लम्बे समय से कलियर विधायक हाजी फुरकान के साथ यशपाल आर्य से भी जुडे हैं और करीबियों में सुमार हैं। साथ ही झबरेड़ा विधानसभा में काफी सालों लोगों से जुड़े हुए हैं। लेकिन अरविंद प्रधान को भी गाड़ा मुस्लिम बिरादरी का एक खेमा पसंद नहीं करता है। लेकिन दलित समाज में उनकी अच्छी खासी पकड़ है।

अब अन्य बिरादरी में वह अपनी घुसपैठ करने में कामयाब होंगे या नहीं ये तो समय बताएगा। वहीं जिला पंचायत सदस्य रही सपना वाल्मीकि ने भी झबरेड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है और काफी लम्बे समय से वह विधानसभा में काम कर रही हैं। निर्दलीय जिला पंचायत चुनाव जीती सपना के टिकट का बेस उनके द्वारा किये गए विकास कार्य हैं इसके साथ ही उनका मायका और ससुराल के गांव झबरेड़ा विधानसभा क्षेत्र में ही है।

बहरहाल, वह भी टिकट की प्रबल दावेदारी कर रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान भी इन चारों पर ही मंथन कर रही है। अपने-अपने आकाओं के भरोसे ये चारों प्रबल दावेदार झबरेड़ा से टिकट मांग रहे हैं। अब आने वाले तीन दिन तय करेंगे कि पार्टी किस पर अपना विश्वास जताती है और किसको अपना प्रत्याशी बनाकर 2022 विधानसभा चुनाव के दंगल में उतारती है। कहीं ऐसा न हो कि इन चारों की लड़ाई में कोई पांचवां बाजी मार जाए। इस तरह की चर्चाएं भी राजनीतिक गलियारों में तेजी के साथ चल रही हैं। बताया गया है कि हाल में बसपा से कांग्रेस में गए एक नेता के परिवार के सदस्य को भी कांग्रेस मैदान में उतार सकती है अगर ऐसा हुआ तो पार्टी को बड़ा नुकसान यहां से झेलना पड़ सकता है।

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