उत्तराखंड में देहरादून शहर के इस बड़े बिल्डर पर हुई FIR दर्ज, ये लगे आरोप….

देहरादून : देहरादून शहर के बड़े बिल्डर सुधीर विडलास पर FIR दर्ज हुई है सुधीर पर आरोप सजय सिंह पुत्र दरियाव सिंह निवासी 170 फेज-1 बसत विहार ने लगाया है और एसएसपी देहरादून से मांग करते हुए सुधीर विडलास पर कई गंभीर आरोप लगाए है।

FIR ने संजय द्वारा आरोप लगाया गया है कि प्रार्थी की माता श्रीमती ओमवती भूमि खसरा संख्या 222/1 मिन) (नया खसरा संख्या 413घ, 434घ, 436ख) कुल रकबा 1.530 है0 लगभग 20 बीघा मौजा जोहडी परगना केंद्रीयदून, जिला देहरादून के स्वामीगण है। वर्ष 2009 में एक श्री सुधीर विण्डास द्वारा प्रार्थी को संपर्क कर उक्त भूमि उसे औने पौने दामों में विक्रय करने हेतु संपर्क किया गया जब प्रार्थी द्वारा उसे अपनी भूमि विक्रय करने से इनकार किया गया तो सुधीर विण्डलास द्वारा अपने कर्मचारियों के साथ कर उ भूमि के बाबत एक विक्रय पत्र दिनांक 18-05-2010 को अपने ही परचेज मैनेजर के नाम दर्ज अंकित करा दिया गया। उक्त विक्रय पत्र में जितने पक्षकार एवं गवाह है वह सुधीर विण्डलास के नियमित कर्मचारी है। विक्रय पत्र में जिसे ओमवती होना दर्शाया गया है वह सुधीर विण्डलास के ड्राइवर की माता है जिसे सजय दर्शाया गया है वह स्वय ड्राइवर का भाई है तथा एक अन्य व्यक्ति को अजय होना दर्शाया गया है यह भी वास्तव में अजय नहीं है क्योंकि अजय की पूर्व में मृत्यु हो चुकी थी।

विक्रय पत्र में गवाह स्वयं सुधीर विण्डलास का ड्राइवर है तथा उसी के द्वारा सभी पक्षकारों की पहचान की गई है। कुछ समय पश्चात जब प्रार्थी द्वारा उक्त भूमि की नवीनतम खतौनी प्राप्त की गई तो पार्थी के संज्ञान में यह तथ्य आया कि उक्त अभिलेखों में किसी अन्य व्यक्ति को विक्रय हुई है। प्रार्थी अविलब जब मौके पर गए तो वहा उक्त सुधीर डिलास मिला जिसके द्वारा प्रार्थी को कहा गया कि मैने तुमसे पहले ही कहा था कि उक्त भूमि मुझे बेच दो नही तो मै इस पर कब्जा कर लूंगा पार्थी द्वारा जब उसे समस्त घटना की रिपोर्ट पुलिस में करने की बात कही तो उसके द्वारा प्रार्थी को समझौते के प्रस्ताव दिया तब उसके द्वारा पुलिस के समझ उस विक्रय पत्र को निरस्त कराने हेतु सहमति दी गई।

कुछ समय पश्चात उसके द्वारा माननीय न्यायालय का एक आदेश दिखाया जिसमे उत रचित विक्रय पत्र को शून्य घोषित किए जाने का एक पक्षीय निर्णय या उक्त वाद में भी सुधीर विण्डलास द्वारा प्रार्थीगण को पक्षकार बनाए बिना प्रार्थी के मरे भाई को जीवित दिखाते हुए न्यापयालय से भी छल कारित करते हुए एक पक्षीय निर्णय प्राप्त कर लिया इसके उपरात भी सुधीर विण्डलास की प्रार्थी की भूमि पर गिद्ध दृष्टि समाप्त नहीं हुई व उसके द्वारा प्रार्थी की भूमि पर मौके पर कब्जा करने का प्रयास किया जाने लगा प्रार्थी द्वारा विरोध करने पर उसके द्वारा बार-बार प्रार्थीगणों को जान से मरवाने की धमकी दी जा रही है
सुधीर विण्डलास उपरोक्त पूर्ण पत्रका मुख्य सूत्रधार है जिसकी पुष्टि फर्जी रूप से विक्रय पत्र मे दर्शित क्रेता रवि दयाल के भारतीय स्टेट बैंक खाता संख्या 30262231389 से की जा सकती है जिसमें उक्त रवि दयाल को वेतन विण्डलास स्टील काफ्ट से होता है व 695405500185 खाता संख्या आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक शाखा हरिद्वार रोड में है जिसका संचालन सुधीर विण्डलास द्वारा अपनी ईमेल आईडी से किया जाता है आज भी रवि दयाल जैसे मामूली कर्मचारी के खाते में लाखों रुपए है।

उक्त सुधीर कुमार विण्डलास एक शातिर अपराधी है जिसगिद्ध दृष्टि प्रार्थी की भूमि पर है उसके द्वारा प्रार्थी की भूमि को हड़पने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है और जब प्रार्थी द्वारा पुलिस व प्रशासन के समझ शिकायत की जाती तो उसके द्वारा हर बार ऊंची पहुंच व धनबल के चलते कोई भी जांच एजेंसी कोई ठोस जांच नहीं करती है जिस कारण उसके हौसले निरंतर बुलद होते जा रहे है। उपरोक्त सुधीर विण्डलास की आपराधिक पृष्ठभूमि है।

इससे पूर्व भी यह कमोवेश 2 हेक्टेयर सरकारी भूमि को राजस्व अभिलेखों में छेड़ छाड़ कर हड़पने का दोषी पाया गया था उक्त घोटाले में भी उसके द्वारा राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड़ करवाई गई थी जिसमें राजस्व कर्मी जेल भी गए थे तथा एस०आई०टी० द्वारा अपनी जाब में उसे दोषी होना पाया था तथा उसके विरुद्ध तत्कालीन डी०आई०जी० द्वारा अभियोग पंजीकृत करने की संतुति की थी परंतु उसके द्वारा अपने प्रभाव के चलते आज तक उसके विरुद्ध मुकदमा कायम नहीं हुआ। उक्त बढ़ाई गई 2 हेक्टेयर भूमि में प्रार्थी की भूमि के खसरे भी सलन थे जो इस ओर इंगित करता है कि उक्त सुधीर विण्डलास की गिद्ध दृष्टि शुरू से प्रार्थी की भूमि पर थी उक्त सुधीर विण्डलास का अपराध कार्य करने की मुख्य मोडस ओपरेण्डी अपने कर्मचारियों /एजेंटों के नाम से फर्जी प्रपत्र निष्पादित कराने व उन पर ततपश्चात अपना कब्जा कर औने पौने दाम पर खरीदने का रहा है जिसके लिए यह सरकारी अभिलेखों में छेड़ छाड़ करने से भी नहीं चूकता।

अतः माननीय महोदय से नम्र निवेदन है कि प्रार्थी की उक्त घटना का संज्ञान लेते हुए उक्त सुधीर विण्डलास व उसके साथ षड्यंत्र में सम्मिलित अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध प्रपत्रों की कूट रचना करना, छल कारित करना, सरकारी अभिलेखों में छेड़छाड़ करना व जान से मारने की धमकी देना तथा जमीनों पर कब्जा करना का अभियोग पंजीकृत कर निष्पक्ष जांच करने की कृपा करें दिनांक 07/01/2022 SD अंग्रेजी अपठित प्रार्थी संजय सिंह पुत्र श्री दरियाव सिंह निवासी 170 फेज-1 बसंत विहार देहरादून

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