उत्तराखंड में Omicorn ने कर दिया नए साल का मजा किरकिरा, देर रात तक पार्टी करने की जिनकी थी तैयारी, उनके मंसूबो पर फिरा पानी….

देहरादून : ओमिक्रोन की दस्तक के बाद शासन ने प्रदेश में रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू कर दिया है। इस व्यवस्था का कितना पालन प्रशासन व पुलिस के अधिकारी करा पाते हैं, यह तो थर्टी फर्स्‍ट को ही पता चलेगा, मगर पार्टी को रात 11 बजे तक सीमित रखना किसी चुनौती से कम नहीं है।चुनौती इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि रात्रि कर्फ्यू क्रिसमस के बाद लागू किया गया।

क्रिसमस तक किसी भी तरह की बंदिश लागू न होने के चलते दूनवासियों के विभिन्न होटल व रेस्तरां में थर्टी फर्स्‍ट की पार्टी बुक कर दी हैं। अब रात्रि कर्फ्यू लागू कर दिया गया है, लिहाजा लोग होटल व रेस्तरां संचालकों से नए नियमों व उनकी पार्टी पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर सवाल कर रहे हैं। रेस्तरां संचालक बुकिंग कराने वाले व्यक्तियों को रात्रि कर्फ्यू का हवाला देकर पार्टी का समय सीमित करने के संदेश भी भेज रहे हैं। कुछ जगह थर्टी फर्स्‍ट की बुकिंग निरस्त की गई हैं, मगर कई जगह अभी भी पार्टी प्रस्तावित हैं।थर्टी फर्स्‍ट की पार्टी सामान्य तौर पर रात आठ बजे के बाद ही शुरू हो पाती हैं।

ऐसे में रात 11 बजे तक पार्टी को सीमित करना आसान नहीं। ताज्जुब यह कि पुलिस व प्रशासन की तरफ से अभी सार्वजनिक रूप से थर्टी फर्स्‍ट की पार्टी को लेकर होटल व रेस्तरां संचालकों को किसी तरह के दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में थर्टी फर्स्‍ट पर रात्रि कर्फ्यू के नियमों का पालन हो पाएगा, इस पर संशय है।

पार्टी सिर्फ रात 11 बजे तक ही कराई जाएंगी संचालित
जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार का कहना है कि रात्रि कर्फ्यू के नियम प्रभावी हैं और थर्टी फर्स्‍ट के दिन भी पार्टी सिर्फ 11 बजे तक ही संचालित कराई जाएंगी। शासन की गाइडलाइन के बाबत पुलिस को व्यवस्था का पालन कराने के लिए कहा गया है।
एसपी कोचर (अध्यक्ष दून वैली होटल रेस्तरां एसोसिएशन) का कहना है कि अधिकतर लोग थर्टी फर्स्‍ट की पार्टी की बुकिंग निरस्त नहीं करा रहे हैं।

बुकिंग रात्रि कर्फ्यू लागू होने से पहले ही कराई जा चुकी थी। प्रशासन व पुलिस से आग्रह है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के नियमों का पालन करने वाले होटल, रेस्तरां संचालकों को पार्टियों का आयोजन करने दिया जाए। सभी होटल व रेस्तरां अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहे हैं कि पार्टियों को 11 बजे तक सीमित रखा जाए।

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