उत्तराखंड में अब यहाँ भू माफियाओं ने अवैध खनन के साथ कर दिया अवैध निर्माण भी, शासन ने देहरादून डीएम को दिए यह सख्त निर्देश ,है कौन इनका सरपरस्त…..
देहरादून : उत्तराखंड में जारी अवैध खनन को लेकर धामी सरकार ने कमर कस ली है। पिछले काफी समय से राजधानी देहरादून मसूरी मार्ग पर खुलेआम चल रहा अवैध खनन को लेकर सख्त रवैया अपनाते हुए धामी सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि इस इलाके में भू और वन माफिया ने भूमि पर कब्जा कर सैकड़ों पेड़ काट डाले। यही नहीं अवैध खनन के साथ अवैध निर्माण भी कर दिया गया। यहां अवैध खनन को लेकर पिछले काफी दिनों से शिकायतें मिल रही थी।
अब जाकर धामी सरकार ने भू माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश जारी किए हैं। शासन के सचिव अमित नेगी ने पुलिस प्रशासन से तत्काल प्रभाव से अवैध खनन और अवैध कटान पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि भू माफियाओं के देहरादून मसूरी मार्ग पर क्यारकुली, भट्टा की काट मेकंजी रोड के पास सरकारी जमीन पर कब्जा कर खुलेआम अवैध कटान,खनन व निर्माण कार्य किया जा रहा था।
प्रदेश में अवैध खनन को लेकर उठा तूफान एक नये ठिकाने की ओर बढ़ चला है। एक बार फिर सरकारी तंत्र, वन और भूमाफिया की करतूत सामने आयी है। यह सनसनीखेज मसला अस्थायी राजधानी देहरादून -मसूरी मार्ग पर प्रसिद्ध गांव क्यारकुली, भट्टा की काट मेकंजी रोड से जुड़ा है।यहां पर सरकारी भूमि पर कब्जा कर निजी रास्ता बनाया जा रहा है। बिना वन विभाग की अनुमति के अवैध कटान,खननवनिर्माण से सरकारी राजस्व को हानि व पर्यावरण नुकसान का अंदेशा होतेही शासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
इस इलाके में भू और वन माफिया ने भूमि पर कब्जा कर सैकड़ों पेड़ काट डाले। यही नहीं अवैध खनन के साथ अवैध निर्माण भी कर दिया गया।
इस अवैध कटान, खनन व निर्माण के मामले में माफिया व सरकारी तंत्र की खुली मिलीभगत बतायी जा रही है। देहरादून के वकील डी०एस० बुटोला की शिकायत पर शासन में सचिव अमित नेगी ने देहरादून के डीएम डॉ आर राजेश कुमार को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सचिव नेगी के पत्र की प्रति देहरादून के डीएफओ को भी भेजी गई है।
सचिव अमित नेगी के जांच सम्बन्धी पत्रमें साफ लिखा है कि अक्षांश 30.444226, 78.055893 पर स्थित भूमि पर अवैध कब्जा, बिना स्थानीय प्राधिकरण / वन विभाग के अनापत्ति प्रमाण के सैकड़ों पेड़ों का अवैध कटान, अवैध खनन तथा अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिससे पर्यावरणीय क्षति एवं सरकार को राजस्व का नुकसान कर सरकारी भूमि से निजी रास्ते का निर्माण गैरकानूनी तरीके से किया जा रहा है।