मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने धर्मांतरण संबंधी विधेयक पर अध्यादेश को दी मंजूरी
मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने विवाह के नाम पर और साथ ही अन्य जालसाजीपूर्ण तरीके से किए जाने वाले धर्मांतरण के खिलाफ मंगलवार को एक विधेयक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी और उसे राज्यपाल के पास भेज दिया। अध्यादेश में कानून के उल्लंघन पर दस साल तक की सजा का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की ऑनलाइन बैठक में ‘धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक’ पर अध्यादेश सहित कई अन्य अध्यादेशों को मंजूरी दी गई।
‘धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक’ संबंधी अध्यादेश को राज्य की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ‘धर्म छुपाकर अथवा झूठा अभिनय करके अधिनियम के विरुद्ध धर्म परिवर्तन किए जाने पर कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है। एक ही समय में 2 या 2 से अधिक लोगों का सामूहिक धर्म परिवर्तन किए जाने पर 5 वर्ष-10 वर्ष का कारावास और न्यूनतम 1 लाख रुपये के अर्थदंड की सज़ा होगी।’
बता दें, इससे पहले शनिवार को भोपाल में हुई कैबिनेट की बैठक में ‘लव जिहाद विरोधी विधेयक धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020’ को मंजूरी मिल गई थी। नए कानून में कुल 19 प्रावधान है। धर्म परिवर्तन मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन यदि शिकायत करेंगे तो पुलिस उसपर कार्रवाई करेगी। नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने पर 2 साल से 10 साल तक की सज़ा है।