इस साल पितृ अमावस्या में हरिद्वार में कर्मकांड अनुष्ठान के लिए नारायणी शिला को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है, कोरोना के कारण…

हरिद्वार : कल यानी बुधवार को पितृ पक्ष का अमावस्या है. हर साल पितृ अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग अपने पूर्वजों का पिंड दान और तर्पण करने हरिद्वार पहुंचते हैं, लेकिन इस बार भी कोरोना संक्रमण के चलते कर्मकांड अनुष्ठान के लिए नारायणी शिला को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है।

आपको बता दे कि पित्र अमावस्या के दिन नारायणी शिला मंदिर में मेला लगता था जिसमे हजारों लोग शामिल होते थे मगर इस बार भी यह मंदिर बंद रहेंगे मंदिर के गेट पर बड़ा सा बैनर लगा हुआ है जिसपर सूचना लिखी हुई है कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने को लेकर सरकार द्वारा जारी की गई गाईडलाइन के अनुसार मंदिर में लगने वाले पितृ विसर्जनी अमावस्या के मेले तो स्थगित किया गया है और मंदिर को आम श्रद्धालुयों के लिए भी बंद किया गया है।

श्री नारायणी शिला मंदिर में पितृ विसर्जनी अमावस्या पर बड़ा मेला लगता रहा है और इस मेले में बड़ी संख्या में लोग अपने पितरो के निमित पूजा करने आते रहे है और बड़ी संख्या में श्र्द्धालुयो के आने की संभावना और इससे कोरोना संक्रमण के प्रसार होने की आशंका के चलते मंदिर प्रबंधन और प्रशासन ने मंदिर में लगने वाले मेले को स्थगित करने और मंदिर को बंद करने का फैसला लिया है।

नारायणी शिला मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालुओं को अपना श्राद्ध कर्म घर पर ही करने को कहा गया है सभी के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मंदिर को बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

पितृ विसर्जन अमावस्या पक्ष का अंतिम दिन है इस दिन सूर्य और चंद्रमा की राशि मिलती है इस दिन चंद्रमा नहीं निकलते हैं जिन्हें अपने पितरों की तिथि का ध्यान नहीं होता है वो कल पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकते हैं उन्होंने बताया कि अमावस्या के दिन गंगा के तट पर स्नान नहीं कर पाए तो कहीं पर भी गंगा में स्नान किया जा सकता है घर पर भी गंगा का ध्यान कर स्नान करने पर वही पुन्य की प्राप्ति होती है जो गंगा तट पर स्नान करने से प्राप्त होती है इस दिन दान भी घर से करने से भी सहस्त्र फल की प्राप्ति होती है।

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