नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि ने गोशाला बनाने की योजना पर गुरु-शिष्य के बीच हुआ था मतभेद, दरार बदल गई थी खाई में…..
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने शिष्य संत आनंद गिरि के लिए प्रयागराज में पेट्रोल पंप खोलने का विचार बनाया था। लेकिन श्रीमहंत फिर आठ बीघे जमीन पर पंप की जगह गोशाला बनाना चाहते थे। बताया जाता है कि इसी बात को लेकर गुरु-शिष्य के बीच मन मुटाव हुआ। यूपी पुलिस की छानबीन में कई जानकारियां सामने आ रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक आनंद गिरि के नाम पर प्रयागराज में आठ बीघा भूमि लीज पर है। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि शिष्य के लिए उसमें पेट्रोल पंप खुलवाना चाहते थे। लेकिन बाद में श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने अपना इरादा बदल दिया। संत आनंद गिरि से यह कहकर पेट्रोल पंप लगवाने का इरादा बदला कि संत-संन्यासी कहां पेट्रोल पंप चलाएंगे।
बताते हैं कि नरेंद्र गिरि लीज की भूमि पर गोशाला या धर्मार्थ अस्पताल बनाने की योजना बना रहे थे। इस पर आनंद गिरि राजी नहीं हुए। आनंद गिरि ने श्रीमहंत नरेंद्र गिरि से यह तक कहा कि वो जमीन को इधर-उधर कर देंगे। इससे महंत नरेंद्र गिरि बहुत दुखी हुए थे। उन्होंने आनंद से कहा कि गुरु पूर्णिमा के अलावा बाघंबरी गद्दी पर कभी मत आना।