यहाँ इस जिले में पहले जमकर चले लाठी डंडे, फिर हुई पत्थरबाजी, जानिए मामला……
हरिद्वार : हरिद्वार जिले के मंगलौर के हथियाथल गांव में बाइक टकराने को लेकर हुए विवाद में दो पक्ष आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों के बीच गालीगलौज के साथ लाठी-डंडे चलने लगे। देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई, जिससे ग्रामीणों में भगदड़ मच गई।
रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती घायल काफी देर तक दोनों पक्षों में पथराव होता रहा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह विवाद शांत कराया। वहीं, पथराव में दोनों पक्षों के छह लोग घायल हो गए। पुलिस ने सभी को रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार दिलाया।मंगलौर कोतवाली क्षेत्र स्थित हथियाथल गांव में दो पक्षों में पुरानी रंजिश चली आ रही है। बुधवार रात एक पक्ष का रवि कुमार रुड़की से बाइक से घर जा रहा था। जैसे ही वह गांव पहुंचा तो दूसरे पक्ष के एक युवक की बाइक उसकी बाइक से टकरा गई।
इसे लेकर दोनों में गालीगलौज हो गई। देखते ही देखते दोनों पक्ष के लोग मौके पर जमा हो गए और गालीगलौज के साथ मारपीट हो गई। इस बीच दोनों पक्षों में लाठी-डंडे भी चले। ग्रामीणों ने बीचबचाव कराने का प्रयास किया, लेकिन दोनों पक्षों ने पथराव शुरू कर दिया। छतों से बरसाने लगे पत्थर छतों से एक-दूसरे पर पत्थर बरसाने लगे तो ग्रामीणों में भगदड़ मच गई। काफी देर तक दोनों पक्षों की ओर से पथराव होता रहा। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल गांव पहुंचा। पुलिस ने किसी तरह विवाद शांत किया। पथराव में एक पक्ष का रवि कुमार, अनिल और दीपक, दूसरे पक्ष के अंकित, अमित और प्रमोद घायल हो गए।
घायलों को रुड़की सिविल अस्पताल में उपचार दिलाया गया। उधर, मंगलौर के प्रशिक्षु सीओ ओसिन जोशी ने बताया कि अभी तक किसी पक्ष की तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। दोनों पक्षों को माहौल खराब करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
गांव में तनाव, पीएसी तैनात दो पक्षों के बीच बवाल के बाद गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। लिहाजा पीएसी तैनात की गई है। वहीं, पुलिस अधिकारी भी गांव के माहौल पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई माहौल खराब करता है तो कड़ी कार्रवाई की जाए।
पथराव के बाद दहशत का माहौल हथियाथल गांव में बुधवार रात पथराव का नजारा देखने वाले बच्चों और महिलाओं में दहशत बरकरार है। गांव में पुलिस की गश्त और पीएसी तैनात होने से भी डर का माहौल है। वे घरों से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं। उधर, विवाद तूल न पकड़े इसे लेकर एलआईयू भी गुप्त तरीके से ग्रामीणों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।