अगर घर में शंख है तो रखें विशेष ध्यान, इन 5 गलतियों से छिन सकती है सुख-शांति, जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र……

देहरादून: अगर घर में शंख है तो रखें विशेष ध्यान, इन 5 गलतियों से छिन सकती है सुख-शांति, जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्रऐसा माना जाता है कि घर में शंख रखने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, शंख रखने के कुछ विशेष नियम होते हैं। यदि इन्हें अनदेखा किया जाए तो शुभ फल की जगह अशुभ परिणाम भी मिल सकते हैं।

सनातन धर्म में शंख का विशेष महत्व होता है। पूजा-पाठ से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों तक, शंख की ध्वनि को बेहद पवित्र और शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी और यह भगवान विष्णु का प्रिय वाद्य यंत्र है। इसलिए विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा में शंख का विशेष स्थान होता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि घर में शंख रखने के भी कुछ खास नियम होते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर इन नियमों का सही तरीके से पालन न किया जाए तो इससे अशुभ परिणाम मिल सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार, शंख रखने की सही दिशा, तरीका सहित अन्य जानकारी।

शंख रखने की सही दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शंख को घर में रखने के लिए सबसे शुभ दिशा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) मानी गई है। इसे घर के मंदिर या पूजा स्थल के पास रखना चाहिए। इस दिशा में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।

शंख की सफाई और पवित्रता का ध्यान रखें
शंख को हमेशा साफ-सुथरी जगह पर रखें। जब भी शंख बजाएं, उसके बाद उसे साफ पानी से धोकर ही वापस रखें। गंदे या धूल भरे स्थान पर शंख रखना अशुभ माना जाता है और इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा फैल सकती है।

शंख को जमीन पर न रखें
शंख को कभी भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। पूजा के दौरान इसे हमेशा किसी साफ कपड़े या छोटे स्टैंड पर रखा जाए। यह देवताओं का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसकी पवित्रता बनाए रखना जरूरी है।

शंख रखने का सही तरीका
शंख को हमेशा भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी या बाल गोपाल की मूर्ति के दाहिनी ओर रखना चाहिए। साथ ही शंख का खुला हुआ भाग ऊपर की ओर होना चाहिए।

दो शंख रखना होता है शुभ
घर में दो शंख रखने की परंपरा मानी जाती है, एक पूजा के लिए और दूसरा बजाने के लिए। पूजा वाला शंख केवल पूजन में इस्तेमाल होता है, जबकि दूसरा शंख बजाने के काम आता है।

पूजा वाला शंख कभी न बजाएं
एक बहुत महत्वपूर्ण नियम यह है कि जो शंख पूजा के लिए रखा गया हो, उसे कभी न बजाएं। ऐसा करने से पूजा का प्रभाव कम हो जाता है। शंख बजाने के लिए अलग शंख का इस्तेमाल करना चाहिए।

शिव पूजा में शंख का उपयोग न करें
मान्यता है कि भगवान शिव ने ‘शंखचूर्ण’ नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए उनकी पूजा में शंख का प्रयोग वर्जित माना गया है। शिवलिंग पर शंख से जल चढ़ाना भी अशुभ माना जाता है।

शंख को खाली न रखें
पूजा के बाद शंख को कभी खाली न छोड़ें। अगर उसमें कुछ न रखना चाहें तो उसमें जल भरकर रखें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और वातावरण पवित्र बना रहता है।

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