क्या आपने कभी खाए हैं पानी में तले पकौड़े, जानिए असुर जनजाति का अनोखा तरीका…….

देहरादून: एक अनोखी और बेहद रोचक परंपरा है असुर जनजाति की, जिसमें पकौड़े तेल में नहीं बल्कि पानी में तले जाते हैं। यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह तरीका सदियों पुराना और पूरी तरह वैज्ञानिक भी माना जाता है।

भारत विविधताओं का देश है, जहां हर राज्य, हर जनजाति की अपनी अलग संस्कृति, खान–पान और परंपराएं हैं। ऐसी ही एक अनोखी और बेहद रोचक परंपरा है असुर जनजाति की, जिसमें पकौड़े तेल में नहीं बल्कि पानी में तले जाते हैं। यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह तरीका सदियों पुराना और पूरी तरह वैज्ञानिक भी माना जाता है। इस तरीके को अपना कर आप घर में भी आसानी से बना सकते हैं।

कौन हैं असुर जनजाति।
असुर जनजाति भारत की प्राचीन जनजातियों में से एक है, जो मुख्य रूप से झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ इलाकों में पाई जाती है। यह जनजाति प्रकृति के बेहद करीब रहकर जीवन जीती है और अपने पारंपरिक तरीकों को आज भी संजोए हुए है।

पानी में कैसे तले जाते हैं पकौड़े।
असुर जनजाति के लोग पकौड़े बनाने के लिए सबसे पहले चावल या दाल का घोल तैयार करते हैं। इसके बाद एक मोटे तले के बर्तन में पानी उबाला जाता है। जब पानी उबाल पर आ जाता है, तब उस उबलते पानी में धीरे-धीरे घोल डाला जाता है। खास बात यह है कि घोल में मौजूद प्राकृतिक तत्व और उबलते पानी की तेज़ गर्मी के कारण पकौड़े अपने आप पक जाते हैं, और उनका बाहरी हिस्सा सख्त व अंदर से नरम हो जाता है। इस प्रक्रिया में तेल की बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ती।

क्यों नहीं इस्तेमाल किया जाता तेल।
असुर जनजाति का मानना है कि तेल का अधिक सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। पुराने समय में तेल की उपलब्धता भी सीमित थी, इसलिए उन्होंने पानी में पकाने की तकनीक विकसित की, जो आज के समय में हेल्दी कुकिंग का बेहतरीन उदाहरण है।

स्वाद और सेहत दोनों का मेल।
पानी में बने ये पकौड़े स्वाद में हल्के होते हैं और आसानी से पच जाते हैं। इनमें तेल न होने के कारण ये दिल और पाचन तंत्र के लिए भी बेहतर माने जाते हैं। यही वजह है कि यह परंपरा आज भी उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी का हिस्सा है।

आधुनिक समय में भी उपयोगी।
आज जब लोग ऑयल-फ्री और हेल्दी फूड की तलाश में रहते हैं, तब असुर जनजाति की यह पारंपरिक विधि हमें यह सिखाती है कि हमारे देश की लोक परंपराओं में सेहत के कई छुपे हुए राज मौजूद हैं।

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