उत्तराखंड में केदारनाथ उपचुनाव के टिकट को लेकर कांग्रेस में रार, प्रदेश संगठन को बाईपास कर सीधे प्रभारी को अपनी रिपोर्ट सौपी गणेश गोदियाल ने, तमाम दावेदारों ने उठाए सवाल…….
देहरादून: केदारनाथ उपचुनाव को लेकर पार्टियां तैयारी में जुटी हुई है , वही उसके साथ ही आज से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है दूसरी ओर पार्टी की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों की ओर से पार्टी हाई कमान को दावेदारी करने वाले प्रत्याशियों की रिपोर्ट भी भेजी गई है।
वहीं कांग्रेस में गुटबाजी पूरी तरीके से चरम पर दिख रही है ….. एक और जहां पार्टी हाई कमान की ओर से बनाए गए पर्यवेक्षकों की ओर से केदारनाथ उपचुनाव को लेकर रिपोर्ट भेज दी गई है। जिसकी प्रदेश अध्यक्ष को कानों कान खबर तक नहीं सूत्रों की माने तो अध्यक्ष भी नाराज हैं हालांकि हमने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई।
सवाल ये भी उठता हैं कि आज तक चुनावों की तमाम प्रक्रियाओ में कांग्रेस संगठन के द्वारा ही पेनल आलाकमान को भेजने का काम किया जाता हैं कोई पर्यवेक्षक सीधे सीधे आलाकमान को पेनल नहीं भेजता हैं प्रदेश में चुनाव लड़ाने की जिम्मेदारी संगठन की होती हैं ना की किसी पर्यवेक्षक की ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता हैं कि गणेश गोदियाल समेत तमाम पर्यवेक्षकों क्या खुद को प्रदेश संगठन से बड़ा समझने लगे हैं।
वैसे वही कांग्रेस में दावेदार इस बात का विरोध करते रहें हैं कि गणेश गोदियाल को पर्यवेक्षक गलत बनाया गया हैं क्यूंकि उनकी मनोज रावत के साथ करीबी और मनोज रावत की केदारनाथ को लेकर दावेदारी के बाद पर्यवेक्षक के रूप में गणेश गोदियाल की नियुक्ति पर सवाल उठाए जा रहें हैं लोग कह रहें हैं जो खुले आम मनोज की पैरवी कर रहें थे उनकी नियुक्ति किसी भी आधार पर सही नहीं हैं
वही आज हुई वर्चुवल बैठक को लेकर भी कई सवाल हैं और बैठक में भी जमकर तना तनी देखी गई सूत्र बताते हैं कि अध्यक्ष ने बैठक में इस बात को लेकर आपत्ति जताई हैं कि क्यों पर्यवेक्षको ने सीधे अपनी रिपोर्ट भेजी है जबकि आज तक प्रदेश संगठन के द्वारा ही रिपोर्ट भेजी जाती रही है।
मैं सूत्रों की मां ने 24 तारीख को दिल्ली में केदारनाथ उपचुनाव को लेकर एक बैठक तय की गई है जिसमें प्रत्याशी चैन को लेकर फैसला होगा वही सूत्रों की माने तो केदारनाथ उपचुनाव के लिए 8 से 9 दावेदार दिल्ली रवाना हो रहे हैं आज देहरादून में उनकी बैठकों का दौर चल रहा है।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के केदारनाथ उपचुनाव में दावेदारी करने वाले कांग्रेस के नेताओं ने अपने नेताओं के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है और अनदेखी का आरोप के साथ ही प्रत्याशी चेयर प्रक्रिया में पारदर्शिता न दिखाई देने को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय राजपुर रोड देहरादून में कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता एवं केदारनाथ विधानसभा सीट से दावेदार शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को लेकर के उन्होंने और 12 अन्य लोगों ने दावेदारी पेश की है ,लेकिन समाचार पत्रों में छपी खबरों से उन्हें जानकारी प्राप्त हुई है कि उप चुनाव के लिए भेजे गए पर्यवेक्षकों ने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं अपनाई है और पक्षपात पूर्ण तरीके से प्रत्याशी चयन के लिए निष्पक्ष तरीके को दरकिनार किया है , पार्टी की परंपरा रही है कि पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपते हैं उसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी से पैनल तय करके केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाता है । लेकिन पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को ना भेज कर मनमाने तरीके से सीधे केंद्रीय नेतृत्व को भेजी है जिससे साफ प्रतीत होता है की प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बिल्कुल भी नहीं बरती जा रही है । उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को विश्वास में लिए बिना जिस मनमाने तरीके से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हुई थी वह भी बड़ी गलती थी और वहीं से पक्षपात की आशंकाएं आकार लेने लगी थी जो अब सच होती प्रतीत हो रही है ।
शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि वह किसी के भी विरोधी नहीं है लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी को विश्वास में लिया बिना जिस मनमाने तरीके से केदारनाथ विधानसभा में प्रत्याशी थोपने का प्रयास हो रहा है, उससे अन्य दावेदारों में भी भारी आक्रोश है , प्रत्याशी चयन में अगर पर्यवेक्षकों को अपनी ही मनमानी करनी थी तो अन्य लोगों से आवेदन क्यों लिए गए और उनसे निर्धारित शुल्क क्यों जमा करवाया गया यह भी एक बड़ा विषय है , कुल मिला करके प्रदेश कांग्रेस कमेटी को विश्वास में ना लिया जाना किसी षडयंत्र और मैच फिक्सिंग की ओर इशारा कर रहा है , उन्होंने कहा कि वह अपना विरोध केंद्रीय नेतृत्व को भी दर्ज करवाएंगे इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व से समय मांग रहे हैं और उनके साथ अन्य दावेदार भी केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे । उन्होंने कहा कि उन्हें प्रत्याशी चयन में पहले ही पक्षपात की आशंका थी इसीलिए उन्होंने सह प्रदेश प्रभारी को अपनी आशंकाओं से अवगत करा दिया था ,इसके बावजूद केदारनाथ विधानसभा में प्रत्याशी चयन को लेकर के जो पक्षपात किया जा रहा है वह पार्टी हित में बिल्कुल भी नहीं है
शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि मैं पार्टी का समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ता हूं मजबूरी में मुझे पार्टी हित में सार्वजनिक मंच पर अपनी बात रखनी पड़ रही है उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय नेतृत्व से आग्रह करेंगे की केदारनाथ विधानसभा में जो अन्य दावेदार हैं उन्हें बुलाकर सर्वसम्मति बनाई जाए तब जाकर के प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया जाए और पार्टी से बाहर के किसी भी व्यक्ति को पार्टी पर ना थोप जाए सर्वसम्मति बनाकर पार्टी जिसे भी टिकट देगी सभी दावेदार एकजुट होकर उसको जीताने के लिए काम करेंगे लेकिन उसके लिए सबको विश्वास में लिया जाए।